The Adult King

Previous Part : Ghar hai ya RandiKhana - 5

महेश का लंड अपनी बहू की चूत को छूने के ख्याल से ही इतना अकड़ गया था कि महेश को अपने लंड में दर्द होने लगा । बेटी अब मैं अपने लंड को तुम्हारी चूत का रस चखाने जा रहा हूँ तुम्हें कोई ऐतराज़ तो नहीं है?” महेश ने अपने लंड को अपने हाथ में पकड़ते हुए कहा ।
ओहहह पिता जी, जल्दी से जो करना है कर लो!” नीलम का उत्तेजना के मारे बुरा हाल था. उसने अपने ससुर की बात को सुनकर सिसकारते हुए कहा । महेश अपनी बहू की बात सुनकर अपने लंड को आगे बढ़ाता हुआ अपनी बहू की चूत तक ले गया और अपने लंड को अपनी बहू की चूत के ऊपर रख दिया ।
“आह्ह्ह ओह्ह … पिता जी.” अपने ससुर के लंड का मोटा सुपारा अपनी चूत पर महसूस करते ही नीलम का पूरा शरीर कांप उठा जिस वजह से उसके मुँह से ज़ोर की सिसकारी निकल गई। क्या हुआ बेटी … अच्छा नहीं लग रहा हो तो मैं इसे हटा दूँ?” महेश ने अपने लंड का मोटा सुपारा अपनी नीलम की चूत पर धीरे धीरे घिसते हुए उसकी चूत से हटाकर कहा ।
नहीं पिताजी … आप अपनी ख्वाहिश पूरी कर लो.” नीलम को उस वक्त अपने ससुर का लंड जन्नत का मजा दे रहा था। जिस वजह से वह अपने ससुर के लंड के हटते ही अपने चूतड़ों को ऊपर की तरफ उछालते हुए सिसकारते हुए कहने लगी । बेटी सोच लो, फिर मत कहना कि मैंने कोई ज़बरदस्ती की तुम्हारे साथ?” महेश अपनी बहू को अपने लंड के सामने तड़पती हुई देख कर खुश हो रहा था। वो अपनी बहू की चुदाई करने के लिए आतुर था.
पिता जी … मुझे आपसे कोई शिकायत नहीं है.” नीलम इस बार अपनी आँखों को खोल कर अपने ससुर को तड़पती हुई नज़र से देखते हुए बोली । ठीक है बेटी, जैसी तुम्हारी मर्जी!” महेश ने यह कहते हुए नीलम की चूत के दोनों लबों को अपनी उँगलियों से अलग करते हुए अपने लंड का मोटा सुपारा उसके बीच रख दिया ।
नीलम अपने ससुर के लंड को अपनी चूत के छेद पर महसूस करते ही ज़ोर से आह्ह भरने लगी, उसके चूतड़ अपने आप महेश के लंड को अंदर लेने के लिए उछल पड़े। मगर महेश के लंड का सुपारा बुहत मोटा था और नीलम की चूत का छेद छोटा … इस वजह से वह अंदर घुस न सका ।
बेटी अगर तुम इजाज़त दो तो मैं इसे थोड़ा अंदर डाल कर तुम्हारी चूत का रस चखाऊँ? ऐसे तो यह रस चख नहीं पायेगा?” महेश ने अपने लंड से अपनी बहू की चूत में उसके छेद पर हल्के धक्के मारते हुए पूछा । पिता जी … जैसे आप ठीक समझें.” नीलम को उस वक्त इतना मजा आ रहा था कि वह अपने ससुर को कुछ करने से रोकने का सोच भी नहीं सकती थी ।
नीलम को अपने पूरे शरीर में अजीब किस्म की सिहरन और अपनी चूत के अंदर चींटियों के काटने का अहसास हो रहा था, उस वक्त उसका दिल कह रहा था कि बस उसका ससुर अपना मूसल लंड उसकी चूत में घुसाकर ज़ोर से अंदर बाहर करे ताकि उसके जिस्म की सारी बेक़रारी ख़त्म हो सके ।
ठीक है बेटी लेकिन थोड़ा बर्दाशत कर लेना, इसका सुपारा ज़रा मोटा है … थोड़ी तकलीफ होगी तुम्हें ! मैं बर्दाशत कर लूँगी … आपको जो करना है कर लो.” नीलम ने अपने ससुर से तड़पते हुए मिन्नत सी की. उसका पूरा जिस्म आने वाले पल के बारे में सोचते हुए ज़ोर से कांप रहा था ।
महेश ने अपने लंड को नीलम की चूत से हटाया और अपने मोटे सुपारे को अपने थूक से चिकना करने लगा । क्या हुआ पिता जी?” नीलम ने अपनी चूत से अपने ससुर के लंड के हटते ही उसकी तरफ देखते हुए कहा । बेटी मैं तुमसे बुहत प्यार करता हूँ और तुम्हें कोई तकलीफ नहीं दे सकता इसीलिए मैं अपने इस मूसल को चिकना कर रहा हूँ ताकि इसके घुसने से तुम्हें कोई तकलीफ न हो.” महेश ने अपनी बहू को अपनी तरफ देखता हुआ पाकर अपने लंड को अपने हाथ में लेकर उसे दिखाते हुए कहा ।
नीलम ने अपने ससुर के मूसल लंड को देखकर शर्म से अपनी नज़रें झुका लीं मगर अपने ससुर का लंड देख कर उसका जिस्म और ज्यादा गर्म हो गया, पिता जी …” अचानक नीलम को अपनी चूत पर किसी सख्त गीली चीज़ का अहसास हुआ जिसे महसूस करके उसका पूरा जिस्म सिहर उठा ।
बस बेटी हो गया, अब मेरे लंड की तरह तुम्हारी चूत भी चिकनी हो गई है.” महेश ने अपने हाथ को अपनी बहू की चूत से हटाते हुए कहा जिसे वह अपनी लार से गीला करके अपनी बहू की चूत को चिकना कर रहा था । महेश ने अपने दोनों हाथों से अपनी बहू की चूत के छेद को पूरी तरह से फ़ैला दिया ।
बहू, तुम्हारी चूत का छेद कितना सुंदर है.” महेश ने अपनी बहू की चूत के लाल सिरे को देख कर कहा । अपने ससुर की बात सुन कर नीलम के जिस्म में एक झुरझुरी सी फ़ैल गयी और उसकी चूत से पानी की कुछ बूंदें निकलने लगी, महेश ने अपनी बहू को इतना गर्म देखकर ज्यादा देर करना ठीक न समझा और अपने लंड को उसके छेद पर रख दिया ।
महेश ने अपनी बहू को दोनों टांगों से पकड़कर एक हल्का धक्का मार दिया । पिता जी!” महेश का लंड नीलम की चूत में घुसने की बजाय ऊपर की तरफ खिसक गया जिस वजह से नीलम के मुंह से सिसकारी निकल गई, बेटी … तुम्हरा छेद तो बुहत टाइट है। लगता है हरामखोर ने तुम्हें अभी तक ठीक तरीके से चोदा भी नहीं!” महेश ने अपने बेटे समीर को गाली देते हुए कहा और अपना लंड फिर से अपनी बहू की चूत पर सही जगह टिका दिया ।
महेश ने इस बार धक्का मारने की बजाय अपना पूरा वजन अपने लंड पर डाल दिया। दबाव पड़ते ही महेश के लंड का मोटा सुपाडा नीलम की चूत को फैलाता हुआ उसके अंदर जाकर फँस गया ।
पीछे हटो, आह्ह्ह्हह फट गयी. बहुत मोटा है आपका!” महेश के लंड का सुपारा घुसते ही नीलम ज़ोर से चिल्लाते हुए छटपटाने लगी। नीलम को ऐसे महसूस हो रहा था जैसे उसकी चूत को फाड़ कर दो हिस्सों में अलग कर दिया गया हो । बस बेटी थोड़ी देर में सब ठीक हो जायेगा.” महेश अपने लंड का सुपारा डाले हुए ही अपनी बहू के ऊपर झुक गया और अपने हाथों से उसकी गोरी गोरी चूचियों को सहलाने लगा ।
पिता जी.. आआ आप क्या कर रहे हैं?” नीलम अपने ससुर के हाथ अपनी चूचियों पर लगते ही सब कुछ भूलकर सिसकारी लेते हुए बोली । बेटी, मुझे अपना वादा याद है, मगर मैं तुम्हारी तकलीफ कम करने के लिए ही इनसे छेड़ छाड़ कर रहा हूँ.” महेश ने अपनी बहू से कहा और अपना मुँह खोलकर उसकी एक चूची के गुलाबी दाने को अपने मुंह में भर लिया ।
पिता जी… आप कितने अच्छे हैं” नीलम अपनी एक चूची को अपने ससुर के मुँह में महसूस करके ज़ोर से आहें भरने लगी और उसका हाथ अपने आप अपने ससुर के बालों में चला गया। महेश अपनी बहू का साथ पाते ही बुहत ज़ोर से उसकी चूची को चूसने लगा और वह अपनी बहू की चूची को चूसते हुए हल्का हल्का काटने भी लगा ।
पिता जी!” नीलम भी बड़े ज़ोर से सिसकारते हुए मज़े से अपने ससुर से अपनी चूची चुसवा रही थी । नीलम ने अचानक अपने ससुर को बालों से पकड़कर अपनी चूची को उसके मुंह से निकाल दिया । महेश सवालिया नज़रों से अपनी बहू को देखने लगा. नीलम ने उसके मुँह को अपनी दूसरी चूची पर रख दिया। महेश फिर से पागलोँ की तरह अपनी बहू की दूसरी चूची पर टूट पड़ा और उसे बड़े प्यार से चूसने, चाटने और काटने लगा ।
नीलम अब अपने चूतड़ों को भी हिला रही थी। महेश समझ गया कि उसकी बहू का दर्द ख़त्म हो गया है इसीलिए वह अपनी बहू की चूचियों को छोड़कर सीधा हो गया । महेश ने देखा कि उसका लंड उसकी बहू की चूत में बुरी तरह से फँसा हुआ था और उत्तेजना के मारे नीलम की चूत का रस निकल रहा था जिससे उसका आधा लंड भीग चुका था। महेश ने अपनी बहू की टांगों को पकड़ लिया और अपने लंड के सुपारे को धीरे धीरे वहीं पर थोड़ा आगे पीछे करने लगा ।
नीलम अपने ससुर के लंड की रगड़ महसूस करके मज़े से भर गई । महेश ने ऐसे ही धीरे धीरे अपने लंड को वहां पर आगे पीछे करते हुए एक हल्का धक्का मार दिया । पिता जी …” महेश का लंड 4 इंच तक उसकी बहू की चूत में घुस गया जिसकी वजह से नीलम के मुँह से एक हल्की चीख़ निकल गयी। महेश अब फिर से अपने लंड को अपनी बहू की चूत में अंदर बाहर करने लगा ।
पिता जी … आपने तो सिर्फ रस चखने का कहा था लेकिन आप तो अब मेरी चूत में वो कर रहे हैं…” नीलम ने अपने ससुर के मोटे लंड को अपनी चूत में महसूस करके मज़े से सिसकारते हुए कहा । क्या कर रहा हूँ बेटी, रस ही तो चख रहा हूँ?” महेश ने अपनी बहू की बात सुनकर उसे तेज़ी के साथ चोदते हुए एक और धक्का मारते हुए कहा ।
पिता जी, आपका बहुत मोटा है, मुझे दर्द हो रहा है.” महेश के इस धक्के से उसका लंड 6 इंच तक नीलम की चूत को फाड़ता हुआ घुस चुका था जिसकी वजह से नीलम दर्द के मारे चिल्ला उठी । महेश ने जैसे ही अब अपने लंड को अंदर बाहर करना शुरू किया नीलम का दर्द थोड़ी देर में ही ख़त्म हो गया और उसे इतना मजा आने लगा कि वह बहुत ज़ोर से अपने चूतड़ों को उछाल उछालकर अपने ससुर से चुदवाने लगी.
नीलम की चूत को उसके ससुर के लंड ने बुरी तरह से फ़ैला रखा था जिस वजह से हर धक्के के साथ उसकी चूत में इतनी ज़ोर की रगड़ हो रही थी कि मज़े के मारे उसके मुंह से सिसकारियां निकल रही थीं । पिता जी, सच में आप बहुत बड़े बदमाश हैं, बहला फुसलाकर आखिर आपने अपनी बहू को चोद ही दिया” महेश के ज़ोरदार धक्कों से चुदते हुए नीलम ने ज़ोर से सिसकारी लेते हुए शिकायत सी करते हुए कहा.
क्यों बेटी, मैंने कोई ज़बरदस्ती तो नहीं की है. तुमने खुद ही हर बात अपने मुँह से कही है. अगर तुम्हें अच्छा नहीं लग रहा है तो मैं अभी इसे निकाल देता हूं.” महेश ने 3-4 ज़ोर के धक्के मारते हुए अपना लंड अपनी बहू की चूत से बाहर निकाल लिया ।
पिता जी, आप तो नाराज़ हो गये मैं तो मज़ाक़ कर रही थी.” नीलम जो इस वक्त मज़े के सागर में तैर रही थी, अचानक उसकी चूत से लंड निकलते हुए वो तड़प उठी थी. नहीं बेटी, अब ऐसे नहीं डालूंगा, तुम्हें अपनी जुबान से कहना होगा कि पिता जी आप मेरी चूत में अपना लंड घुसाओ.” महेश ने अपने लंड को अपनी बहू की चूत के खुले हुए छेद पर घिसते हुए कहा ।
पिता जी घुसाओ न अपना लंड.” नीलम ने ज़ोर से तड़पते हुए कहा । क्या घुसाऊं बेटी?” महेश ने अपनी बहू से मज़े लेते हुए कहा । पिता जी वह… अपना लंड घुसाओ ना!” नीलम ने भी अपनी शर्म छोड़ते हुए कहा । क्या बेटी, तुम्हें मेरा लंड चाहिए, कहाँ पर, किधर घुसाऊं मैं अपना लंड?” महेश ने इस बार अपनी बहू की चूत के दाने पर अपना लंड घिसकर उसे छेड़ते हुए कहा ।
पिता जी, मेरी चूत में घुसाओ अपना लंड.” नीलम से अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था। वह जल्द से जल्द अपनी चूत में अपने ससुर का मोटा लंड घुसवाना चाहती थी इसीलिए उसने ज़ोर से सिसकारते हुए कहा । बेटी… यह ले, मैं अभी तुम्हारी चूत में लंड घुसाता हूँ.” महेश का लंड भी अपनी बहू की बातों से और ज़्यादा कठोर होता जा रहा था। जिसे वह अपनी बहू की चूत पर रख कर 2-3 धक्के मारते हुआ बोला ।
महेश का लंड फिर से नीलम की चूत में 6 इंच तक अंदर घुस चुका था जिसे महसूस करके उसके मुंह से मज़े से सीत्कार निकल रहे थे. महेश ने अपना लंड तो नीलम की चूत में घुसा दिया मगर वह धक्के नहीं मार रहा था जिस वजह से नीलम बेचैनी में अपने चूतड़ों को ज़ोर से उछाल रही थी ।
पिता जी, क्या हुआ कीजिये ना?” नीलम ने इस बार अपने ससुर को नशीली आँखों से देखते हुए आग्रह किया । महेश अपनी बहू की बात सुनकर अपने लंड को उसकी चूत में अंदर बाहर करने लगा. 5-7 धक्कों के बाद ही महेश का पूरा लंड जड़ तक अपनी चूत में महसूस करके नीलम का पूरा जिस्म अकड़कर झटके खाने लगा क्योंकि वह झड़ने वाली थी। महेश ने अपनी बहू को झड़ने के क़रीब देख कर उसकी टांगों को छोड़कर उसके ऊपर झुकते हुए उसकी चूत में ज़ोरदार धक्के मारना शुरू कर दिया ।
पिता जी …” अचानक नीलम झड़ने लगी. उसने झड़ते हुए अपनी दोनों टांगों को अपने ससुर की कमर में डाल दिया और अपनी आँखें बंद करके अपने दोनों हाथों से अपने ससुर को बालों से पकड़ कर उसके होंठों को अपने होंठों पर रख कर बेतहाशा चूमने लगी ।
महेश अपनी बहू के होंठों को ज़ोर से चूसते हुए उसकी चूत में धक्के मार रहा था। नीलम ने झड़ते हुए मज़े से अपने नाखुनों को अपने ससुर की पीठ में गड़ा दिया और वह झड़ते हुए अपने चूतड़ों को ज़ोर से उछाल उछालकर अपने ससुर के लंड को अपनी चूत में लेने लगी.
महेश ने अपनी बहू के नाखूनों को अपनी पीठ पर महसूस करते ही गुस्से से उसके एक होंठ को काट दिया और बहुत ज़ोर से उसकी चूत को चोदने लगा । नीलम की हालत बहुत ख़राब थी उसकी चूत से न जाने कितनी देर तक पानी निकलता रहा जिस वजह से उसे अपने ससुर का लंड अपनी चूत में पूरा घुसने का भी पता नहीं चला। नीलम बस मज़े के आलम में अपने ससुर से लिपटी हुई उसके होंठों को चूस रही थी और महेश भी बड़े आराम से अपने पूरे लंड से अब उसकी चूत को चोद रहा था.
नीलम ने कुछ देर बाद ही अपनी आँखें खोलते हुए अपने ससुर के होंठों से अपने होंठों को हटा दिया और ज़ोर से हाँफने लगी । पिताजी … आपने तो जान ही निकाल दी, लेकिन प्लीज आप इसे पूरा मेरी चूत में मत घुसाना वरना मैं मर जाऊँगी.” नीलम ने कुछ देर तक हाँफने के बाद अपने ससुर की तरफ देखते हुए कहा ।
बेटी, तुम्हें अब कोई चिंता करने की ज़रूरत नहीं, मेरा पूरा लंड तुम्हारी चूत में घुस चुका है.” महेश ने अपनी बहू की चूत में अपने लंड को जड़ तक पेलते हुए कहा । क्या कहा पिता जी?? इतना मोटा और बड़ा लंड मेरी चूत में पूरा घुस गया?” नीलम ने हैरानी से अपने ससुर के लंड पर हाथ लगाते हुए कहा। नीलम का हाथ सीधे उसके ससुर की गोटियों पर जा लगा क्योंकि लंड तो पूरा उसकी चूत में था ।
मेरी भोली बहू, तुम्हें पता नहीं है कि औरत की चूत समुन्दर की तरह विशाल है जो किसी भी चीज़ को अपने अंदर ले सकती है.” महेश ने अपने लंड को तेज़ी के साथ अपनी बहू की चूत में अंदर बाहर करते हुए कहा । पिता जी, आपसे चुदवाकर ही मुझे पता चला है कि औरत को दुनिया का सब से बड़ा सुख मर्द से चुदवाने में मिलता है.” नीलम फिर से गर्म होते हुए अपने चूतड़ों को उछालते हुए बोली ।
सही कहा बेटी, यही बात तो मैं तुम्हें समझाना चाहता था” महेश ने अपनी बहू की तरफ देखा और उसकी चूत को बड़ी तेज़ी और ताक़त के साथ चोदने लगा। ससुर बहू की चुदाई का खेल अपने चरम पर था. महेश और नीलम की चुदाई अब अपने पूरे जोश पर थी. पूरा कमरा थप थप की आवाज़ से गूँज रहा था जो आवाज़ महेश का लंड नीलम की चूत में अंदर बाहर होते निकल रही थी। कुछ देर की चुदाई के बाद ही महेश का बदन अकड़ने लगा और वह ज़ोर से हाँफते हुए अपनी बहू की चूत चोदने लगा ।
पिता जी आप झड़ने वाले हैं प्लीज अंदर मत झड़ना!” नीलम अपने ससुर के लंड को अचानक अपनी चूत में फूलता हुआ महसूस करके चिल्लाते हुए बोली । बहू मुझे माफ़ कर देना, मगर आज मैं अपना वीर्य तुम्हारी चूत में ही गिराऊंगा.” महेश ने अचानक ज़ोर से हाँफते हुए अपना पूरा लंड जड़ तक नीलम की चूत में पेल दिया ।
नीलम भी खुद झड़ने के बिल्कुल क़रीब थी. वह अचानक अपने ससुर का लंड जड़ तक अपनी चूत में महसूस करके कांप उठी और उसका पूरा जिस्म भी अकड़ने लगा । अचानक नीलम को अपनी चूत में कुछ गर्म चीज़ गिरने का अहसास हुआ. अगले ही पल मज़े से नीलम की आँखें भी बंद हो गईं और उसने ज़ोर से अपने ससुर को अपनी बांहों में दबा लिया ।
नीलम की चूत झटके खाते हुए झड़ रही थी जिसकी वजह से नीलम के मुंह से ज़ोर की सिसकारियाँ निकल रही थीं । नीलम को अब भी अपनी चूत में अपने ससुर के लंड से निकलता हुआ गर्म वीर्य महसूस हो रहा था। महेश का लंड जैसे ही पूरी तरह झड़कर नीलम की चूत से निकला उसकी चूत का छेद बिल्कुल खुलकर रह गया और उसकी चूत से बहुत सारा सफेद सफेद पानी निकल कर बेड पर गिरने लगा जो उसका और उसके ससुर का मिला-जुला वीर्य था. महेश और नीलम अब भी एक दूसरे की बांहों में पड़े हुए ज़ोर से हांफ रहे थे ।




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