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अगले दिन सुबह मैं नित्यकर्म से निवृत हो कर नीचे पहुँचा, तब तक सब आ चुके थे । मैंने अनन्या को इशारे में दर्द के बारे में पूछा पर उसने थोड़ा जोर से जवाब दिया- ठीक है अब… मैंने मम्मा को सब सच-सच बता दिया !
यह सुन कर मेरी तो सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई कि अनन्या ने बुआ को क्या सच-सच बता दिया पर अगले ही पल उसी ने बात सँभालते हुए कहा- मैंने मम्मा को बता दिया है कि कैसे तुमने चीटिंग करके मुझे नीचे गिरा दिया जिससे मेरे पैर में चोट लग गई… ठीक से चला भी नहीं जा रहा… खैर, तुमको माफ किया, आज मैं तुमको गिराऊँगी !
मेरी जान में जान आई और साथ में मैंने मन ही मन अनन्या के दिमाग की दाद भी दी कि कैसे उसने अपनी चाल के बारे में स्थिति को संभाल लिया ।
थोड़ी देर में मैंने सोनी को डैडी से बात कर के पोर्टेबल टीवी और सीडी प्लेयर को मेरे कमरे में ले जाने के लिए के लिए मनाने को कहा क्योंकि मैं जानता था कि डैडी उसकी बात नहीं टालेंगे ।
एक ही मिनट में उसने डैडी को मना लिया और डैडी ने उसे कहा कि वो दोपहर में ऑफिस से किसी आदमी को भेजेंगे जो टीवी और सीडी प्लेयर मेरे कमरे में लगा जाएगा ।
हम तीनों बहुत खुश थे कि सब अच्छे से हो रहा था । तीनों ने चाय पी, मेरे कमरे में गये और बैठकर बातें करने लगे। सोनी सैक्स के बारे में जानने को बहुत ज्यादा उत्साहित थी तो मैं उसे मौखिक ज्ञान देने लगा ।
दोनों मुझे एकाग्रता और उत्सुकता से सुन रही थी । काफी देर सैक्स पर चर्चा होती रही और फिर मम्मी डांटने लगी तो हम तीनों ने दोपहर की योजना बनाई और सब ख़ुशी-ख़ुशी नहाने चले गये ।
नहाकर मैं अपने दोस्तों के साथ फुटबाल खेलने चला गया, लगभग एक बजे वापिस आया और मम्मी-डैडी के रूम टीवी देखने लगा । कुछ ही देर में मम्मी ने लंच करने के लिए आवाज लगाई तो मैं उठ कर डाइनिंग टेबल पर गया। दोनों बुआ और सोनी भी मेरे साथ लंच करने बैठ गई ।
अनन्या और मम्मी ने हमें परोसा और खुद भी हमारे साथ खाने आ गई । हम सबने बातें करते हुए लंच का आनन्द लिया और उठ कर लिविंग रूम में बैठ कर गप-शप करने लगे । तभी ऑफिस का इलेक्ट्रीशियन भी आ गया और मैं उसे अपने कमरे में ले गया जहाँ उसने नीचे से पोर्टेबल टीवी और सीडी प्लेयर ला कर फिट कर गया ।
कुछ देर बाद एक-एक कर के दोनों बुआ और मम्मी अपने कमरे में रेस्ट करने चली गई तो हम तीनों भी अपने मिशन पर चल पड़े । ऊपर जाकर मैंने अपने रूम को अन्दर से लॉक किया, दोनों को बैड पर बैठने को कहा… टीवी ऑन किया और सीडी को प्लेयर में डाल कर रिमोट लेकर मैं भी बैड पर बैठ गया ।
प्ले का बटन दबाते ही स्क्रीन पर इंग्लिश मूवी शुरू हो गई । दो लड़के और दो लड़कियाँ ‘स्ट्रिप पोकर’ (ताश का एक खेल) खेल रहे थे जिसका पत्ता कटता उसे फाइन के रूप में अपना एक कपड़ा उतारना होता था ।
धीरे-धीरे सब के कपड़े उतरने लगे और इसी तरह उनमें सैक्स शुरू हो गया, चारों एक-दूसरे में गुत्थम-गुत्था हो गये थे । मैं यह सीडी डैडी के रूम में देख चुका था पर उत्तेजना के मारे अपने आपको रोक नहीं पाया और अपने ट्रैक पैंट के अन्दर हाथ डालकर लिंग को मसलने लगा ।
बैड पर ही अनन्या और सोनी बिना पलक झपकाए एकटक टीवी की तरफ देख रहीं थीं । थोड़ी देर देखने के बाद मैंने सोनी की पीठ पर हाथ फिराना शुरू किया तो वो भी पीछे मेरे पास आकर बैठ गई । मैं धीरे-धीरे उसके उरोजों को मसलने लगा था और वो भी हल्की-हल्की सिसकारियों के साथ मेरा साथ दे रही थी ।
कुछ ही मिनटों में मैंने उसका टी-शर्ट ऊपर कर उतार फेंका और ब्रा के हुक खोल उसके खिलते स्तनों को आजाद कर हौले-हौले उसके गुलाबी चुचूकों को चूसने और मसलने लगा । वो भी उत्तेजना के मारे आँखें बंद किये स्तनों के मर्दन का आनन्द लेने लगी थी ।
अब अनन्या भी मूवी देखते हुए अपनी स्कर्ट में हाथ डाल कर अपनी योनि को मसलने लगी थी । मैंने थोड़ा उठ कर अपना टी-शर्ट और बनियान खोला और सोनी को बाँहों में भरकर उसके होंठ चूमने लगा, वो भी मुझे भींच कर मेरी पीठ पर हाथ फिरा रही थी ।
कुछ देर चूमने के बाद मैं फिर से उठा और अपनी ट्रैक-पैंट को उतार कर एक तरफ रख कर सोनी की जींस के बटन खोलने लगा । टाइट होने के कारण मुझे उसके जींस के बटन खोलने में परेशानी हुई तो उसने तुरंत उठ कर अपने हाथों से जींस को खोल कर एक तरफ पटक दिया और अपनी टांगों को चौड़ा करके अपनी गुलाबी योनि को मेरे आगे परोस कर मेरे आगे लेट गई ।
मैंने भी तुरंत दोनों हाथों से उसकी पैंटी को खोल कर नीचे किया और अपना मुँह उसकी टांगों के बीच लगा कर उसके भगोष्ठ चूसने लगा । आज ही उसने अपनी योनि को साफ किया था जिससे उसकी गुलाबी उभरी हुई योनि गजब की लग रही थी । कुछ ही सेकेंडों में सोनी की योनि गीली हो गई थी और उसकी सिसकारियाँ भी तेज हो गई थी तो मुझे लगा कि अब सहवास का सही समय आ गया है ।
मैंने उठ कर उसे एक तकिया अपने नितंबों के नीचे लगाने को दिया और अपना अंडरवीयर उतार फेंका । वो लिंग लेने के लिए पूरी तरह से तैयार थी इसलिए मैंने अपने लिंग पर खूब सारा थूक लगाया और हाथ से पकड़ कर सोनी की योनि के मुख पर धीरे से रख कर दबा दिया ।
उसकी चीख सी निकल गई थी और साथ ही आँखों से आँसू भी… पर अब उसे भी पता था कि वह जीवन के असीमित आनन्द से कुछ ही कदम दूर है इसलिए आँख बंद किये सहती रही और शायद वो अपने आप को अनन्या से बेहतर भी साबित करना चाहती थी इसलिए दर्द को सहन कर गई ।
मेरी हिम्मत फिर से बढ़ी और मैंने एक और धक्का देकर लिंग को सोनी की योनि में अन्दर तक धकेल दिया और अपने कूल्हों को ऊपर-नीचे कर के हौले-हौले उसकी चुदाई करने लगा । कुछ ही मिनटों के दर्द के बाद सोनी भी अपनी टाँगें मोड़ कर मेरे कूल्हों पर टिका कर मेरा साथ देने लगी ।
अब उसे भी मज़ा आने लगा था इसलिए अब उसकी सिसकारियाँ मादक आवाजों में बदल गई थी- आह्ह… अब दर्द कम हो गया है… तुमने सच ही कहा था… पहले दर्द होता है पर बाद में जो मज़ा आता है… वो स्वर्ग के आनन्द से भी बढ़ कर है… करते जाओ… रुकना नहीं… प्लीज… और जोर से… वाओ… फ़क मी. !
मुझे लगा कि मैं अकेला सोनी को संतुष्ट नहीं कर पाऊँगा इसलिए रुक गया और अनन्या को आवाज लगाते हुए कहा- अनन्या… प्लीज आओ ना… हमारी हेल्प करो ना.. !
अनन्या भी अब उत्तेजित हो चुकी थी इसलिए तुरन्त अपने सारे कपड़े खोल कर हमारे खेल में शामिल हो गई और जैसा अभी मूवी में देखा था वैसे ही घुटनों के बल झुक कर सोनी के पास बैठ कर उसके उरोज़ चूसने लगी ।
अनन्या की योनि अब मेरी तरफ थी इसलिए मैंने अपनी दायें हाथ की उंगली उसकी योनि में डाल दी और अन्दर-बाहर करने लगा । अब सोनी के साथ अनन्या की मादक सिसकारियाँ रूम में गूंजने लगीं थी । मैंने सोनी की योनि में अपने प्रहार तेज कर दिए थे ।
कुछ ही मिनटों के बाद सोनी तेज उत्तेजक आवाजों के साथ अकड़ कर स्खलित हो गई और मुझे लिंग बाहर निकालने को कहा । अब उसे भी मज़ा आने लगा था इसलिए अब उसकी सिसकारियाँ मादक आवाजों में बदल गई थी- आह्ह… अब दर्द कम हो गया है… तुमने सच ही कहा था… पहले दर्द होता है पर बाद में जो मज़ा आता है… वो स्वर्ग के आनन्द से भी बढ़ कर है… करते जाओ… रुकना नहीं… प्लीज… और जोर से… वाओ… फ़क मी.!
मुझे लगा कि मैं अकेला सोनी को संतुष्ट नहीं कर पाऊँगा इसलिए रुक गया और अनन्या को आवाज लगाते हुए कहा- अनन्या… प्लीज आओ ना… हमारी हेल्प करो ना..!
अनन्या भी अब उत्तेजित हो चुकी थी इसलिए तुरन्त अपने सारे कपड़े खोल कर हमारे खेल में शामिल हो गई और जैसा अभी मूवी में देखा था वैसे ही घुटनों के बल झुक कर सोनी के पास बैठ कर उसके उरोज़ चूसने लगी ।
अनन्या की योनि अब मेरी तरफ थी इसलिए मैंने अपनी दायें हाथ की उंगली उसकी योनि में डाल दी और अन्दर-बाहर करने लगा । अब सोनी के साथ अनन्या की मादक सिसकारियाँ रूम में गूंजने लगीं थी । मैंने सोनी की योनि में अपने प्रहार तेज कर दिए थे ।
कुछ ही मिनटों के बाद सोनी तेज उत्तेजक आवाजों के साथ अकड़ कर स्खलित हो गई और मुझे लिंग बाहर निकालने को कहा ।
मेरा काम अब तक पूरा नहीं हुआ था इसलिए मैंने अपना खून से सना लिंग सुनीता की योनि में से निकाला और घोड़ी बनी अनन्या के पास जाकर उसकी योनि पर हाथ से पकड़कर टिका दिया और हल्का सा धक्का दिया ।
अनन्या एक बार चौंक कर लगभग चीख उठी पर अगले ही पल सब समझ कर अपनी सहमति जताते हुए अपने गोरे-गोरे नितम्बों को हिला कर मेरे लिंग को अन्दर आने का न्यौता देने लगी जिसे मेरे लिंग ने सहर्ष स्वीकार कर लिया । मैंने उसके दोनों नितम्बों पर अपने हाथ रखा और अपने लिंग को अनु की योनि पर रख अन्दर घुसा दिया ।
अनन्या धीरे से चीख उठी पर हल्के से दर्द के बाद आनन्द से मेरे लिंग को अपनी योनि में लेकर अपने नितम्बों को आगे-पीछे कर के उसे अन्दर-बाहर करने लगी तो मैं भी अपने हाथों से इसमें उसकी मदद करने लगा । सैक्स की इस मुद्रा में पुरुष को स्त्री से अधिक आनन्द मिलता है और पुरुष का लिंग स्त्री की योनि में अधिक भीतर तक भेदन करता है ।
चुदाई करते हुए मैंने थोड़ा झुककर अपने हाथों से अनन्या के लटकते उरोजों को पकड़ लिया और मसलने लगा जिससे उसकी सिसकारियाँ निकल रही थी । कुछ ही देर में मैं थक गया इसलिए लिंग बाहर निकाल कर सीधा लेट गया और अनन्या को अपने ऊपर आने को कहा ।
अनन्या घूम कर मेरे ऊपर सवार हो गई और उसने मेरे तने हुए लिंग को अपनी योनि पर सेट कर भीतर ले लिया और सैक्स की कमान अपने हाथों में ले ली । उसने अपने हाथ मेरे सीने पर रख लिए और नितम्ब उचका-उचका कर सैक्स के एक दक्ष खिलाड़ी की भांति अपनी योनि का भेदन करने लगी ।
अब उसकी चुप्पी भी टूटी और वो उत्तेजना से वशीभूत हो मादक आवाजें निकलने लगी- आह्ह… अभी… यह बहुत अच्छा है… आज दर्द भी नहीं और मज़ा भी बहुत आ रहा है… वाओ… आईई… यू आर सो नाईस अभी… कम ओन… मेरी ब्रेस्ट्स को मसलो… प्लीज अभी… निचोड़ दो इनको..!
कह कर उसने मेरे हाथ अपने उरोजों पर रख लिये और मैं उसके कठोर उरोजों को दोनों हाथों से बुरी तरह से मसलने लगा जिसमें उसे असीम आनन्द मिल रहा था । स्त्रियों को वैसे भी ऊपर रहकर सैक्स करने की मुद्रा में ज्यादा आनन्द आता है क्योंकि इसमें पुरुष पर और अपने सभी अंगों पर उनका खुद का नियंत्रण रहता है ।
कुछ मिनटों तक चली इस मादक रतिक्रीड़ा के बाद दोनों के चरमोत्कर्ष का समय निकट आ गया था इसलिए मैं अनन्या को नीचे कर उसके ऊपर सवार हो गया और अपने लिंग से अनन्या के यौवन का तेजी से भेदन करने लगा और पहले अनन्या और कुछ सेकेंडों के बाद मैं भी स्खलित हो गया ।
मैं स्खलित होकर उसके ऊपर ही लेट गया था और हम कुछ देर ऐसे ही लेटे रहे। जब वासना का ज्वार थोड़ा शांत हुआ तो पता चला कि मेरा वीर्य उसकी योनि में ही छूट गया है ।
वो तुरंत उठकर टॉयलेट की ओर भागी और अपनी योनि को अच्छी तरह से धो कर आई और सुबक-सुबक कर रोने लगी तो जैसे-तैसे हम दोनों ने उसे चुप कराया, पर सच में तीनों बहुत डर गये थे कि कहीं अनन्या प्रेग्नेंट नहीं हो जाए ।
उन दिनों प्रेग्नेन्सी टेस्ट के लिए आज जैसे आसान किट भी अपलब्ध नहीं थे जिनमें स्त्री-मूत्र की एक बूँद डालने से प्रेग्नेन्सी टेस्ट हो जाता है इसलिए हम तीनों की हालत ख़राब थी कि अब क्या होगा ।
तीनों अपने-अपने कमरे में चले गये पर सारा मज़ा काफूर हो गया था, तीनों भविष्य के बारे में सोच-सोच के परेशान हो रहे थे कि जिस खेल को आसानी से चुपचाप खेल रहे थे उसका अब सबको पता चलने वाला था ।
कहानी ज़ारी रहेगी।
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