The Adult King

फ्रेंड मॉम सेक्स कहानी में पढ़ें कि ट्रेनिंग के दौरान मेरा एक दोस्त बन गया. मैं उसी के घर रहा. वहां उसकी अम्मी मुझे चालू माल लगी. वो मेरे लंड के नीचे कैसे आयी.
नमस्कार दोस्तो, मैं राज़ शर्मा आपका स्वागत करता हूं. दोस्तो, सेक्स कहानी पढ़कर मैं बहुत ही बड़ा चोदू बन गया हूं और हमेशा चुदाई का मौका ढूंढता रहता हूं.
आज भी मेरी किस्मत मेरा साथ जरूर देती है. आज तक मैं भाभी आंटी और अनेकों कुंवारी लड़कियों को चोद चुका हूं. यह फ्रेंड मॉम सेक्स कहानी पुणे में रहने वाले मेरे एक दोस्त की अम्मी की चुदाई की है.
दोस्तो … मैं जिस कंपनी में काम करता हूं, उसकी एक ब्रांच पुणे में भी है. उन दिनों एक नई मशीन पर काम करना सीखने के लिए कंपनी की तरफ से मुझे एक महीने के लिए पुणे भेजा जा रहा था. अगले दिन मैनेजर सर ने मुझे स्टेशन छोड़ा और वो बोले- राज मैं वहां फोन कर दूंगा, तो तुम्हारे रहने की व्यवस्था हो जाएगी. मैंने ‘ओके सर …’ कहा और ट्रेन में चढ़ गया. अगले दिन सुबह दस बजे मैं पुणे पहुंच गया और कंपनी के लिए निकल पड़ा. कंपनी में मैं सबसे मिला और मैनेजर साहब से अपने रूकने के लिए बात की.
मैनेजर ने साहिल शाह नाम के एक लड़के को बुलाया और उससे कहा- ये राज सर हैं, हमारी गुड़गांव वाली ब्रांच से आए हैं. इनकी रूकने की व्यवस्था कर दो.
मैंने कहा- थैंक्यू सर … कल से मशीन के बारे में जानकारी ले लूंगा.
मैनेजर ने ओके कहा और मैं निकलने को रेडी हो गया. बाहर निकला तो मेरे साथ साहिल था.
वो बोला- सर, मेरे घर में ऊपर वाले हिस्से में एक रूम खाली है, अगर आपको दिक्कत न हो तो सर आप वहां रुक सकते हैं. मुझे कम्पनी से इसका खर्चा मिल जाएगा.
मैंने कहा- ठीक है मुझे कोई दिक्कत नहीं है. चलो अपने घर ले चलो.
साहिल मुझे लेकर अपने घर आ गया. उसने घंटी बजाई तो एक बड़े बड़े मम्मों और भारी गांड में मटकते हुए सांवली सी महिला ने दरवाजा खोला. मुझे शुरू से ही बड़ी गांड वाली आंटियां पसंद हैं; मैं चुपचाप उसको देखने लगा. साहिल ने मेरी तरफ देखा तो मैंने पूछा- कमरा कौन सा है ?
साहिल बोला- सर अन्दर चलिए न … वहीं बैठ कर आपको सब बताता हूँ. मैं अन्दर आया तो साहिल बोला- सर ये मेरी अम्मी हैं. इनका नाम शन्नो बेगम है … और अम्मी ये राज सर हैं. गुड़गांव से आए हैं और एक महीने ऊपर वाले कमरे में रूकेंगे.
उसकी अम्मी ने मुझे वासना भरी नजरों से देखा तो समझ गया कि ये साली पूरी नेशनल हाइवे है और बड़े बड़े ट्रक इस पर से गुजर चुके हैं. फिर मैं और साहिल ऊपर कमरे में आ गए.
मैंने उससे कहा- तुम अब जाओ … मैं कुछ देर आराम करूंगा.
साहिल बोला- ओके सर मैं कंपनी जा रहा हूं … आपको कुछ चाहिए हो, तो अम्मी को बोल देना. मैंने मन में कहा कि मुझे तो तुम्हारी अम्मी ही चाहिए.
शाम को चार बजे रूम में आवाज आई तो मेरी नींद खुल गई. रूम में शन्नो आंटी आई थी, वो मुझे देख कर मुस्कुराने लगी. मैंने उसकी तरफ सवालिया नजरों से देखा तो वो बोली- सर आप लेटे रहो … मैं सफाई कर रही हूं. मेरी नज़र शन्नो आंटी की गांड पर पड़ी.
उस दिन शाय़द आंटी ने पैंटी नहीं पहनी थी. उसकी गांड बाहर को निकली हुई थी. थोड़ी देर बाद वो नीचे आ गई और अब मेरे दिमाग में शन्नो बेगम की बड़ी बड़ी चूचियां और गांड छाने लगी. फिर मैंने सोचा कि मैं कंपनी के काम से आया हूं और ये साहिल की अम्मी है, तो मुझे ये सब नहीं करना चाहिए.
शाम को साहिल आ गया और उसके अब्बा दुकान से आ गए. हम सबने खाना खाया. अगले दिन सुबह हम दोनों कंपनी आ गए. मैं चार बजे घर वापस आ गया. मेरे दस्तक करने पर दरवाजा शन्नो आंटी ने ही खोला. आज वो मैक्सी में थी और बड़ी कातिल लग रही थी.
शन्नो बेगम बोली- राज सर, आप बैठो … मैं आपके लिए चाय बनाती हूं. मैंने हल्का सा अपने सिर को हां में हिलाया, तो वो अपनी गांड मटकाती हुई किचन में चली गई. थोड़ी देर बाद शन्नो बेगम एक ट्रे में चाय लेकर आई.
जब उसने झुक कर कप रखे, तो मैंने उसके मम्मों को देखा और समझ गया कि इसने ब्रा नहीं पहनी थी. उसके बड़े बड़े थन मेरे सामने साफ़ दिखाई दे रहे थे. चाय पीने के थोड़ी देर बाद मैं ऊपर आ गया और आंटी की चूचियों को सोचते सोचते मुठ मारने लगा और अपना वीर्य निकाल दिया.
अब मेरे मन में शन्नो आंटी को चोदने और पटाने का प्लान बनने लगा. अगले पांच दिन तक मैंने कंपनी पर पूरा ध्यान दिया और मशीन के बारे में काफी कुछ सीख लिया. पर अब भी मुझे इधर रुकने का आदेश था तो मैं पुणे में ही बना रहा. एक दिन मैं दोपहर को दो बजे घर आ गया.
मैंने देखा कि दरवाजा खुला हुआ था. मैं चुपचाप अन्दर आ गया और दरवाजा बंद कर दिया. मैंने अन्दर देखा तो शन्नो आंटी कहीं नज़र नहीं आ रही थी. मैंने किचन में देखा, बाथरूम में देखा, साहिल के रूम में देखा … वो कहीं नहीं थी. फिर मैं हिम्मत करके उसके रूम में गया तो देखकर चौंक गया.
वो नंगी औंधी लेटी थी और फोन में सेक्सी मूवी देख रही थी. मैंने फोन पर नजरें गड़ाईं तो उसमें एक नई उम्र साल का लड़का एक 45-50 साल की आंटी को जमकर चोद रहा था. ब्लू फिल्म देखती हुई शन्नो आंटी अपनी चूचियों को मसल रही थी और बोल रही थी- आह आहह हहह आउह हहह और तेज़ चोद … और तेज़ चोद साले आंटी को उसकी चुत फाड़ दे.
ये सब देखकर मेरा मन तो किया कि अभी पकड़कर शन्नो आंटी को भी जमकर चोद दूं. मगर मैं चुपचाप बाहर आ गया और घंटी बजाने लगा. आंटी ने अन्दर से आवाज लगाई- कौन है ?
मैंने कहा- मैं हूं राज !
वो जल्दी में मैक्सी पहन कर आई और बोली- अरे सर आप इतनी जल्दी आ गए !
मैंने बोला- मैं केवल मशीन की जानकारी लेने आया हूं … मेरा कोई ड्यूटी टाइम नहीं होता है. वो मेरी तरफ कामुक नजरों से देख रही थी.
मैंने कहा- आज चाय नहीं पिलाओगी ?
वो गर्म थी … इसलिए लड़खड़ाती आवाज से बोली- हां … पिलाऊंगी. वो किचन में चली गई. मैं समझ गया कि ये अन्दर से नंगी है और पूरी गर्म है, आज सही मौका है, चौका मार देना चाहिए. मैं अपने रूम में आ गया और सारे कपड़े उतार दिए. फिर हाफ लोवर और टी-शर्ट में नीचे आकर बैठ गया.
शन्नो आंटी चाय लेकर आ गई. चाय पीते हुए मैंने कहा- आप दिन भर घर में अकेली ही रहती हैं, अंकल नहीं आते क्या ?
वो बोली- नहीं … वो सुबह गए तो रात में 10 बजे ही आते हैं.
मैंने कहा- आप फोन में ही कोई मूवी देख कर मन बहला लिया करो. मेरी इस बात से वो एकदम से सकपका गई और कुछ सोचने लगी.
मैंने कहा- क्या हुआ ?
मैं उठकर उसके पास बैठ गया.
वो बोली- नहीं मैं फ़ोन में ऐसे क्या देखूं … मुझे ज्यादा पता भी नहीं है. मैंने अपना हाथ उसकी जांघों पर रख दिया और बोला कि आप अकेली हो और अंकल भी आपको टाइम नहीं दे पाते, तो कोई दोस्त बना लो. वो मेरे हाथ को महसूस करने लगी और वासना से मेरी तरफ देखने लगी. अब मेरा हाथ धीरे धीरे हरकत करने लगा. वो सेक्सी आवाज में बोली- मुझसे कौन करेगा दोस्ती !
मैंने हंसते हुए कहा- मैं हूं ना … और मैं भी तो यहां अकेला हूं, मुझे भी आप जैसी एक हसीन दोस्त मिल जाएगी. ये कह कर मैंने सीधे शन्नो आंटी को गले से लगा लिया और धीरे धीरे उसकी पीठ पर हाथ फेरने लगा. वो सेक्सी मूवी देखने से गर्म तो पहले से थी … मेरे गले लगाने से और गर्म हो गई. उसने भी मुझे अपनी बांहों में कस कर पकड़ लिया.
मैं उसे चूमने लगा और उसकी चूचियों को मसलने लगा. वो मादक सिसकारियां भरने लगी और आंख बंद करके मुझे कसने लगी. मैंने उसे सोफे पर लिटा दिया और उसकी चूचियों को दबाने लगा. उसकी नंगी जांघ पर हाथ फेरने लगा और मैक्सी ऊपर कर दी.
उसने पैंटी नहीं पहनी थी. उसकी बिना बालों की काली गुलाबी चूत मेरे सामने थी. मैंने उसकी चुत में अपनी उंगली घुसा दी. वो ‘आह ओह उहह …’ करने लगी. उसने भी मेरे लोवर में हाथ डालकर लंड को बाहर निकाल लिया और सहलाने लगी. मैंने भी अपनी दो उंगलियों से उसकी चुत को चोदना शुरू कर दिया. शन्नो आंटी बोली- सर, मेरे बेडरूम में चलो.
मैंने कहा- मैं सर नहीं हूं … तुम मुझे बस राज बोलो. हम दोनों बिस्तर पर आ गए और एक दूसरे को नंगा कर दिया. शन्नो आंटी तो जैसे कब की प्यासी थी. वो मेरे लौड़े को मुंह में लेकर गपागप गपागप चूसने लगी और मैं उसके मम्मों को मसलने लगा. कुछ ही देर में मैं आंटी के मुंह में लंड के झटके लगाने लगा. वो भी मेरे लंड को जमकर चूस रही थी.
पांच मिनट तक शन्नो ने मेरा लंड जमकर चूसा … फिर मेरे लौड़े ने वीर्य छोड़ दिया तो शन्नो एक कुतिया के जैसे लंड को चूसते चूसते सारा वीर्य पी गई. लंड झड़ जाने के बाद मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी चूचियों को मसलने लगा. उसकी चूत में उंगली डालने लगा और तेज़ तेज़ चोदने लगा.
वो वासना से सिसकारियां भरने लगी और ‘आह आहह …’ करके गर्मी पैदा करने लगी. कुछ ही देर में उसकी चूत से पानी निकलने लगा. मैंने उससे कहा कि तुम्हारी बड़ी गांड देखकर मैं पहले दिन से तुम्हें चोदना चाहता था.
वो बोली- राज तुम बहुत बुरे हो … इतना मस्त लौड़ा लेकर भी तुम अपनी प्यासी शन्नो को तड़पा रहे थे.
मैंने उससे पूछा- क्या तुम्हारे शौहर तुम्हें नहीं चोदते हैं ?
उसने बताया- मेरा शौहर अब मुझे बिल्कुल नहीं चोद पाता है. वो उम्र में भी मुझसे दस साल बड़ा है. उसका लंड खड़ा ही नहीं होता है.
मैंने कहा- तभी तो तुम दिन में नंगी होकर सेक्सी मूवी देखकर अपनी चूत में उंगली करती हो. वो चौंक गई और बोली- ये आपने कब देख लिया राज ?
मैंने उसे बताया कि कैसे मैंने उसे देखा था. कुछ पल बाद शन्नो मेरे लौड़े को चूसने लगी और मैंने 69 की पोजीशन में करके उसकी नमकीन चूत को चाटना शुरू कर दिया. पता नहीं कुछ औरतों की चूत में ज्यादा बदबू क्यों आती है. मुझे उसकी चुत चाटने में मजा नहीं आ रहा था तो मैंने उसकी चूत को थोड़ा ही चाटा और उसे उठाकर बिस्तर पर लिटा दिया.
अब मैं उसके ऊपर चढ़ गया. जल्दी जल्दी में मैं कंडोम नहीं ला पाया था. मैंने एकदम से उसकी गीली चूत में लंड घुसा दिया. वो आह आह आह करके चिल्लाने लगी. मैंने अपने लौड़े की रफ्तार बढ़ा दी और तेज़ी से अन्दर-बाहर करने लगा. उसकी चूत बहुत दिनों से नहीं चुदवाने से टाइट हो गई थी.
मेरा लंड जैसे ही अन्दर जाता, वो आहह आहहह करके चिल्लाने लगती. कुछ ही धक्कों के बाद मैंने उसे रंडी की तरह चोदना शुरू कर दिया. वो चिल्लाती रही लेकिन मैं नहीं माना और उसकी चूचियों को मसलने लगा. अब वो धीरे धीरे मादक सिसकारियां भरने लगी. फिर मैंने उसकी टांग उठाकर अपने कंधे पर रख कर चोदना शुरू कर दिया.
मैं उसे इस समय एक बाजारू रंडी समझ कर ही चोदने में लगा था. वो आहह आहहह करके लंड लेने लगी थी. मैंने लंड पेलते हुए कहा- शन्नो अब तू मेरी रंडी है … और मैं तुझे रोज ऐसे ही चोदूंगा. वो सुनकर खुश हो गई और बोली- राज तुम मुझे जैसे चाहो … चोदो, मैं तुम्हारे लौड़े की गुलाम हूं, तुम्हारे लिए रंडी बनने को तैयार हूं.
मैंने उसे घोड़ी बनाया और चोदने लगा. अब मेरी शन्नो रंडी भी अपनी गांड आगे पीछे करने लगी और बोलने लगी- राज चोदो मुझे … और चोदो अपनी शन्नो रंडी को. मैं लंड को और तेज़ तेज़ अन्दर बाहर करने लगा. वो भी गांड तेज़ी से आगे पीछे करने लगी. कुछ ही देर में उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया लेकिन मैं झटके पर झटके लगाए जा रहा था.
फच्च फच्च करके लंड अन्दर बाहर होने लगा; उसकी चूत का पानी बाहर आने लगा. अब मैंने उसे उठाकर अपने लौड़े पर बिठा दिया और उसकी क़मर पकड़कर चोदने लगा. मेरी शन्नो रंडी भी अपनी गांड पटकने लगी और लंड पर उछल उछल कर चुदवाने लगी.
उसकी हिलती हुई चूचियां मुझे मजा दे रही थीं तो मैं उन्हें दबाने लगा और उसकी गांड में हाथ फेरने लगा. वो भी लंड पर ऐसे तेज तेज उछलने लगी … जैसे कोई सुपरफास्ट ट्रेन पटरी पर दौड़ रही हो. पूरा कमरा फच्च फच्च थपथप थपथप की आवाज से गूंज उठा था. मैंने उसे जमकर चोदा. और जब मैं नहीं झड़ा तो शन्नो बोली- बहुत देर हो गई … तुम्हारा कब होगा ?
मैंने कहा- क्यों तुमको कहीं जाना है ?
वो हंसी और बोली- नहीं यार … अब मेरी कमर दर्द करने लगी है. मैंने उसकी चुत से लंड निकाला और अपने नीचे लिटा दिया. मैं उसके ऊपर आकर उसे चोदने लगा. हम दोनों झड़ने को हो गए थे. वो टांगें फैलाए हुए लंड ले रही थी, बोली- राज तुम मुझे ऐसे ही चोदोगे न ?
मैंने कहा- हां मेरी रंडी, तू अब मेरा लौड़ा रोज लेगी. तभी उसकी चूत ने फिर से पानी छोड़ दिया और उसकी गीली चूत में लंड फच्च फच्च फच्च करके अन्दर बच्चेदानी तक जाने लगा. उसकी कामुक सिसकारियां निकलने लगीं. मैंने अपने लौड़े की रफ्तार और बढ़ा दी. गपागप गपागप अन्दर बाहर करने लगा उसकी आहहह आहहह के साथ मेरी भी सिसकारियां निकलने लगीं और मेरे लौड़े ने अपना गर्म गर्म लावा शन्नो रंडी की चूत में भर दिया.
मैं चुत में लंड फंसाए हुए ही उसके ऊपर लेट गया. थोड़ी देर बाद हम दोनों अलग हुए. शन्नो ने मेरा लंड चूसकर साफ़ कर दिया. आज कुतिया की तरह चुदकर शन्नो बेगम बहुत खुश थी. वो किचन से मेरे लिए बादाम डालकर दूध लेकर आई. मैं खड़े होकर दूध पी रहा था. उसने मेरे लौड़े पर मलाई लगाकर चूसना शुरू कर दिया.
थोड़ी देर बाद वो लंड से मलाई खा गई और मेरा लौड़ा लॉलीपॉप समझकर गपागप गपागप चूसने लगी. अब उसकी गांड को देखकर मेरा मन मचलने लगा था. थोड़ी देर बाद मैंने उसे बिस्तर पर घोड़ी बनाया और उसकी गांड में हाथ फेरने लगा.
वो बोली- राज, तुम गांड में डालोगे क्या ?
मैंने कुछ थप्पड़ मारकर शन्नो की गांड को लाल कर दिया और बोला- साली रंडी चुप हो जा … मेरा जहां मन होगा, वहीं लंड पेल कर चोदूंगा. वो कुछ नहीं बोली. मैंने उसकी गांड में थूक लगाया और अपना लंड गांड के छेदे के बाहर रगड़ने लगा. उसकी गांड का छेद लुपलुप हो रहा था.
लंड का सुपारा छेद पर लगा था … जैसे ही छेद ने मुंह खोला … मैंने जोर से झटका लगा दिया. लंड गांड में घुस गया और उधर से शन्नो की चीखने की आवाज आ गई- ‘ऊईई ईईल्ला मर गई अम्मी रे … फाड़ दी मेरी गांड आह सीईईई आहहह ! मेरा आधा लंड गांड के अन्दर चला गया था.
मैंने जोर लगाया तो उसकी फिर से ‘ऊईई आहह सीईई …’ की आवाज तेज हो गई. तो मैंने लंड पेलना रोक दिया और उसकी चूचियों को मसलने लगा, पीठ चूमने लगा. कुछ देर बाद उसका दर्द जैसे ही कम हुआ, मैंने एक और झटका लगाया तो पूरा लंड गांड में घुस गया.
मैं लौड़ा आगे पीछे करके शन्नो की गांड चोदने लगा. अब मेरे लंड से एक कुतिया की गांड चुद रही थी. मैं उसकी क़मर पकड़कर तेजी से लंड अन्दर-बाहर करने लगा. वो आहह आहहह आहह करके पूरा लौड़ा अन्दर तक लेने लगी थी. मैं उसे गाली देने लगा- साली रंडी कुतिया छिनाल चिल्ला भैन की लौड़ी … जितना चिल्लाना है, चिल्ला ले … आज मैं तेरी गांड फ़ाड़ कर ही मानूंगा.
और मैं सोच रहा था कि साली की गांड अब भी टाइट थी … क्या इसके शौहर ने कभी इसकी गांड नहीं मारी है. शन्नो कुतिया बनी गांड आगे पीछे करके बोली- राज आह तुम मुझे और जोर से चोदो … आह आज जमकर चोदो. अब उस बुड्ढे के लंड में दम नहीं बचा. वो मादरचोद मुझसे वैसे भी दस साल बड़ा है. फिर काफी दिनों से मुझे कोई लंड मिला भी नहीं है.
अब हम दोनों अपनी कमर हिला हिला कर चुदाई का मज़ा लेने लगे. शन्नो की गांड ने लंड से दोस्ती कर ली थी. थप थप थप की ताल बजने लगी और हम दोनों जमकर चुदाई करने लगे. शन्नो की गांड पूरी तरह से खुल गई थी और लंड गपागप गपागप अन्दर तक जाने लगा था.
मैंने उसकी चूचियां मसलते हुए कहा- शन्नो, तू तो किसी रंडी से भी मस्त होकर चुदवाती है. वो बोली- राज तुम मुझे ऐसे चोदोगे, तो मैं सड़कछाप रंडी बन कर चुदवा सकती हूं … चार कुत्तों से चुदने वाली आवारा कुतिया भी बन सकती हूं. उसकी गर्म बातें सुनकर मेरे लंड में सनसनी भर गई और मैंने और भी तेज़ी से लंड गांड में अन्दर-बाहर करना शुरू कर दिया. हाथ बढ़ा कर उसकी चूचियों को मसलने लगा.
थोड़ी देर बाद मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी चूत में लंड घुसा कर गपागप गपागप अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया. अब लंड शन्नो की चूत में सरपट दौड़ने लगा और उसकी आहह आहह आहह की आवाज मुझे जोश देने लगी. हम दोनों बेहद गर्म हो गए थे और एक-दूसरे को गाली देने लगे थे. वो बोली- कुत्ते और तेज़ चोद.
मैंने कहा- साली रंडी कुतिया चोद तो रहा हूं … अब तो रोज तुझे कुतिया बना कर चोदूंगा साली रंडी छिनाल.
वो बोली- हां मुझे अपने लंड से चोद. मुझे कटे लंड से चुदने में मजा नहीं आता.
ये सब कहते हुए ही उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और मैं गीली चुत को तेज़ तेज़ चोदने लगा. ‘साली भैन की लौड़ी … ले मेरा पूरा लौड़ा अन्दर तक. मैं एक दोस्त की अम्मी को उसके कमरे में लंड का स्वाद चखा रहा था. कुछ देर बाद मेरे लौड़े ने वीर्य छोड़ दिया और मैं उसके ऊपर लेट कर उसकी चूचियों को चूसने लगा.
थोड़ी देर बाद मैंने लंड निकाल लिया और शन्नो कुतिया उसे गपागप गपागप चूसने लगी. थोड़ी देर बाद दोनों बाथरूम जाकर साथ नहाये एक दूसरे को साबुन लगाया और शन्नो को लंड में बैठाकर साथ में नहाया. मैंने अपने कपड़े उठाए और नंगा ही अपने रूम में आ गया और अंडरवियर पहन कर सो गया.
दूसरे दिन मैंने साहिल को बोला- आज मुझे मार्केट में कुछ काम है तो मैं कंपनी नहीं जाऊंगा. साहिल ने ओके कह दिया और वो अपने जाने की तैयारी करने लगा. दस बजे साहिल चला गया. मैं अपने रूम में नंगा लेट कर सेक्स कहानी पढ़ रहा था. तभी शन्नो कमरे में नाश्ता लेकर आ गई.
शन्नो आंटी बोली- राज नाश्ता कर लो … और तुम नंगे क्यों हो ? मैंने लंड हिलाते हुए कहा- मेरी रांड, तेरे लिए ही नंगा हूं. आज मैं कंपनी नहीं जाऊंगा. आज सारे दिन तेरी ही गांड चुत बजाऊंगा. वो खुश हो गई. मेरा लौड़ा खड़ा था, शन्नो उसे देखकर अपने होंठों पर जीभ फिराने लगी.
मैंने नाश्ता उठा कर एक तरफ रखा और अपना एक हाथ शन्नो की मैक्सी में डाल कर उसकी चूचियों को मसलने लगा.
वो बोली- पहले नाश्ता खत्म कर लो, ठंडा हो जाएगा … फिर मुझे चोद लेना. शायद वो खुद चुदाई करवाने के इरादे से मेरे कमरे में नाश्ता लाई थी. मैंने उसे अपनी गोद में बिठाया और नाश्ता करने लगा. थोड़ी देर बाद नाश्ता खत्म होते ही शन्नो ने प्लेट को अलग रखा और घुटनों के बल बैठ कर मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी.
कुछ ही देर में वो बेकाबू होकर लंड चूस रही थी. मैंने उसकी मैक्सी ऊपर करके उसे नंगी कर दिया और 69 में लिटा कर उसकी चूत को अपने कब्जे में ले लिया. कुछ देर बाद मैंने उसे बिस्तर पर सीधा लिटा दिया और उसकी चूचियों को मसलने लगा, चूमने लगा. वो भी लंड को सहला रही थी.
मैंने उसे बिस्तर पर कुतिया बना दिया और उसके ऊपर चढ़ गया. अपने तने हुए लंड को शन्नो की गीली चूत में घुसा दिया और उसे चोदने लगा. शन्नो रंडी की चूत खुल गई थी और वो ‘आह हहह ऊह हहहह …’ करके मस्ती से चुदवा रही थी. मेरा लंड उस चूत को जमकर चोद रहा था.
शन्नो बोली- आह राज चोदो मुझे … और चोदो … मुझे रोज लंड से चुदाई का सपना आता था. आज मेरे बेटे की वजह से तुम्हारा लंड मिल गया तो मेरा सपना पूरा हो गया.
मैंने कहा- मतलब कैसे ?
वो बोली- साहिल ही तो तुझे लेकर आया था.
मैंने कहा- हां ये तो है और मैं उसकी ही अम्मी को चोद रहा हूं. वो हंस दी.
मैंने शन्नो रंडी को बोला- साली तुझे लंड से चुदने का बहुत चस्का है ?
वो बोली- हां लंड मुझे बहुत पसंद हैं और मैं हमेशा सोचती थी कि मेरी चूत गांड में ऐसा लंड कब जाएगा. अब तो शौकत (पति) भी नहीं मुझे चोद पाता है.
कुछ पल बाद मैंने अपने लौड़े की रफ्तार बढ़ा दी और तेज़ी से चुत में अन्दर-बाहर करने लगा. वो गर्मागर्म सिसकारियां भरने लगी और अपनी गांड उठा-उठा कर मेरा साथ देने लगी. अब हम दोनों के बीच की शर्म जा चुकी थी और एक दोस्त की अम्मी को मैं उसी के घर में रंडी बनाकर चोद रहा था.
कुछ देर बाद आसन बदला और अब शन्नो मेरे लौड़े पर सवार होकर सरपट भाग रही थी. मैं नीचे से झटके पे झटके मार रहा था. उसकी चूचियां बेहद हिल रही थीं.
वो मेरे लंड पर सवार होकर ऐसे उछल उछल कर गांड पटकने लगी जैसे किसी इंजन का पिस्टन चालू कर दिया गया हो. पांच मिनट बाद शन्नो ने ‘आहह आहहह आहह …’ करके चूत से पानी छोड़ दिया. चुत में रस भर गया था तो मेरा लंड अब फच्च फच्च करके चुत चोदने लगा.
वो धक्के रोक कर मेरे लंड पर बैठ गई थी और हांफने लगी. ये देख कर मैंने उसे उठाकर बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी चूचियों को मसलने लगा. उसकी चूत से गीला लंड निकाल कर गांड में घुसा दिया. सटाक की आवाज करता हुआ मेरा पूरा लौड़ा गांड के अन्दर चला गया.
मैं तेज झटके लगाने लगा तो वो चिल्लाने लगी- आहह आहहह और तेज़ तेज़ चोदो … मैं रंडी हूं … मुझे बाजारू रंडी की तरह चोद साले हिन्दू लौड़े … अह और तेज चोद हरामी. मुझे जोश आ गया और मैं तेज तेज झटके लगाने लगा- हां ले साली रंडी कुतिया … छिनाल … अम्मी ले मेरा लौड़ा … भोसड़ी वाली तेरा बेटा ही तेरे लिए लंड लाया है … ले साली अम्मी चुद हरामन.
मैं धकापेल चोदने लगा. अब जितनी चुदाई होती जा रही थी … हमारे बीच उतनी गालियां बढ़ती जा रही थीं. पूरा कमरा मादक आवाजों से गूंज उठा था.
मैंने कहा- साली उठ अब तुझे घोड़ी बना कर चोदूंगा. मैंने उसे घोड़ी बना दिया और उसकी गांड पर थप्पड़ मारने लगा. वो मस्ती में चिल्लाती रही. मैंने उसकी दोनों जांघों पर बैल्ट बांध दिया और उसकी गांड को थप्पड़ से लाल करने लगा.
वो चिल्लाने लगी- साले, अब गांड में डाल अपना लंड … पूरा घुसा … और चोद मुझे. मैंने उसे झुका दिया और तेज़ झटके से लंड घुसा दिया. ‘याल्ला मर गई अम्मी रे … बचाओ मुझे …’ शन्नो चिल्लाने लगी. और मैंने अपने लौड़े की रफ्तार तेज कर दी, लंड अन्दर-बाहर करने लगा.
मैंने कहा- साली, किसी को भी बुला ले … आज मेरे लंड से तुझे कोई नहीं बचा सकता. अब मैंने बैल्ट खोल दिया और उसने अपनी टांगें फैला दीं. लंड आसानी से अन्दर बाहर होने लगा था. मैंने उसके बाल पकड़ लिया और उसे घोड़ी जैसे खींचने लगा और चोदने लगा.
वो दर्द से चिल्लाती रही और मैं उसे चोदता रहा. मुझे औरतों को ऐसे चोदने में बड़ा मज़ा आता है. मैंने अपने लौड़े की रफ्तार बढ़ा दी और बालों को पकड़ कर चोदने लगा. कुछ देर बाद मेरा लौड़ा अन्दर ही झड़ गया और उसकी गांड में लंड घुसा कर उसके ऊपर ही गिर गया.
थोड़ी देर बाद मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया और उसकी चूचियों पर रगड़ना शुरू कर दिया. उसके थोड़ी देर बाद वो नीचे आ गई. वो नंगी थी. मैं उसके पीछे पीछे आ गया.
वो बोली- मुझे किचन में काम करना है.
मैंने कहा- मुझे भी काम है.
वो हंसने लगी और किचन में आ गई. मैंने उसे उठाकर अपने लौड़े पर बैठा दिया और वो लंड पर बैठ कर आटा लगाने लगी. मैंने अपने लौड़े की रफ्तार तेज कर दी … वो लौड़े पर उछलते हुए आटा लगाने लगी. थोड़ी देर बाद वो लंड से उठी और बोली- अब मुझे रोटी बनानी है.
वो रोटी बना रही थी, मैंने पीछे से अपना लंड गांड में घुसा दिया और चोदने लगा. अब वो जैसे ही रोटी बेलती तो उसकी गांड आगे पीछे होती. तभी में जोर से झटका लगा देता. कुछ देर बाद मैंने लंड चुत में पेल दिया और लंड चुत में रगड़ाई होने लगी. आज मैं पहली बार किसी आंटी को उसी के किचन में चोद रहा था.
मेरे झटकों से उसकी चूत ने कुछ ही देर में पानी छोड़ दिया और उसका बेलन नीचे गिर गया. मैंने लंड निकाल लिया और सामने पट्टी पर बैठ गया. वो रोटी बनाते बनाते बीच बीच में लंड चूसने लगी थी. उसकी रोटियां जैसे ही बन कर खत्म हुईं, मैं उसे उठाकर बाहर ले आया और हॉल में पड़े सोफे पर झुका दिया, उसकी गांड में लंड डालकर चोदने लगा.
अब वो भी गांड में मस्ती से लौड़ा ले रही थी और ‘आह आहह …’ करके अपनी चूचियों को मसलने लगी थी. कुछ देर बाद मैंने उसे उठाकर जमीन में लिटा दिया और उसके ऊपर चढ़ गया. उसकी टांगें मम्मों पर दबा दीं और गांड में लंड घुसा कर गपागप गपागप चोदने लगा.
शन्नो बिल्कुल रंडी बन चुकी थी और उसी भाषा में बोल रही थी- आह चोद साले चोद अपने दोस्त की अम्मी की चूत गांड को जमकर चोद ! एक औरत लंड की इतनी दीवानी है, ये देखकर मेरा जोश और बढ़ गया और मैंने तेज़ तेज़ झटके लगाने शुरू कर दिए. शन्नो देखने में सांवली जरूर थी लेकिन अब मुझे उसके रंग रूप से कोई मतलब नहीं था. मैं उसे चूम कर चोद रहा था.
मैंने उसे उठाकर सामने सोफे पर सीधा लिटा दिया और उसकी चूत में लंड घुसा कर ऊपर आ गया और गपागप गपागप चोदने लगा. हम दोनों उत्तेजना के चरम पर आ गए थे और एक-दूसरे को पागलों के जैसे चूसने, चूमने लगे थे. चूत लंड अपना काम कर रहे थे और शन्नो मेरे होंठों को चूस रही थी.
कुछ झटकों के बाद एक बार फिर से शन्नो की चूत ने पानी छोड़ दिया. उसकी गीली चूत में मेरा लंड सटासट सटासट अन्दर तक जाने लगा. दो मिनट बाद मेरा भी लंड थक गया था. मैंने शन्नो की चूत में वीर्य छोड़ दिया. हम दोनों एक-दूसरे से लिपटकर कर सोफे पर ही लेट गए.
थोड़ी देर बाद दोनों ने नंगे ही एक दूसरे को खाना खिलाया. शन्नो एक गिलास बादाम का दूध लेकर आई और बोली- राज तुम पी लो. मैंने आधा गिलास पिया और शन्नो से बोला- तू भी पी ले. शन्नो ने मेरा लौड़ा गिलास में डुबा दिया और उसे दूध में हिलाने लगी. मेरा लौड़ा खड़ा हो गया और पूरा डूब गया.
थोड़ी देर बाद मैंने लंड निकाल लिया और शन्नो ने पहले लंड चूसा, फिर एक बार में पूरा गिलास पी गई. अब हम दोनों फिर से गर्म हो गए थे और एक-दूसरे से चिपक कर चूमने लगे.
शन्नो बोली- राज मेरे बेडरूम में चलो. उधर ही खेलेंगे. हम दोनों एक दूसरे को चूमते चूमते शन्नो के बेडरूम में आ गए थे. शन्नो ने अपनी चूचियों और मेरे लौड़े पर चॉकलेट लगा दी और दोनों 69 की पोजीशन में आकर एक दूसरे को चूसने लगे और पूरी चॉकलेट खा गए.
फिर मैं बेड पर लेट गया और शन्नो लंड पर बैठ गई. उसकी चुत में लंड सट्ट से अन्दर चला गया और शन्नो लौड़े पर उछलने लगी. मैंने उसकी चूचियों को दबाना शुरू कर दिया. वो ‘आहह ल्ला अहह ल्ला …’ करके अपनी गांड तेज़ी से लंड पटकने लगी. ‘याल्ला बचाओ मुझे …’ मुझे बड़ा मजा आ रहा था. मैंने उसकी चूचियों को जोर जोर से मसलना शुरू कर दिया.
मैंने उसे उठाकर बिस्तर पर लिटा दिया. उसकी गांड के नीचे तकिया लगा दिया और उसकी चूत को चोदने लगा. अब वो हर झटके में सिसकारने लगी और मैंने भी अपने झटकों की रफ्तार बढ़ा दी. अब शन्नो का शरीर अकड़ने लगा और अहह अहह करके चूत ने पानी छोड़ दिया.
शन्नो ने मुझे अपनी बांहों की गिरफ्त में ले लिया. मैंने लंड निकाल लिया और उसके होंठों पर रख दिया. वो गपागप गपागप चूसने लगी. फिर मैंने उसे घोड़ी बना दिया और उसकी गांड में थूक लगा कर अपना लौड़ा घुसा कर उसे चोदने लगा. कुतिया बनी मुस्लिम रंडी शन्नो अपनी गांड आगे पीछे करके मज़े लेने लगी थी.
मैंने कहा- साली हल्ला हल्ला करके चुदाई करवा रही है कुतिया छिनाल … अम्मी … ले लौड़ा खा. मैं तेज़ तेज़ चोदने लगा.
वो बोली- हां जब तू तेज झटका लगाता है … तो नाम ज़ुबान पर आ जाता है यार !
मैंने कहा- साली लंड का झटका तेरी गांड नहीं झेल पा रही क्या ?
वो बोली- कुत्ते, तू एक औरत को जब कुतिया बनाकर इतनी तेज तेज चोदेगा तो वो हल्ला करके चिल्लाएगी ही. मैं जोश में आ गया और तेज़ तेज़ झटके लगाने लगा और बोला- ठीक है साली … छिनाल रंडी चिल्ला … जितना चिल्लाना है. उसे मैं ताबड़तोड़ चोदने लगा. मैं और तेज़ी से अन्दर-बाहर करने लगा उसकी चूचियां को जोर जोर से दबाने लगा. उसके गालों पर थप्पड़ मारने लगा- आह और चिल्ला साली रंडी.
मैं उसके बालों को पकड़ कर बेरहमी से चोदने लगा. उसकी गांड और पीठ पर नाखून गड़ाने लगा. वो ‘ रहम … रहम फरमा.’ चिल्लाती रही और मैं उसे कुतिया बनाकर रंडी के जैसे गपागप गपागप चोदने लगा. अब मेरा शरीर अकड़ने लगा था. मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और उसके ऊपर चढ़ कर झटके लगाने लगा. उसकी गांड में लंड ने पिचकारी छोड़ दी और गांड से वीर्य बाहर निकलने लगा.
थोड़ी देर बाद मैंने अपना लंड बाहर निकाल कर शन्नो रंडी के मुंह में डाल दिया. उसने कुतिया की तरह लंड चूसना शुरू कर दिया और लंड साफ कर दिया. हम दोनों एक-दूसरे से चिपक कर लेट गए और थकावट से नींद आ गई. शाम को एकदम से नींद खुली तो दोनों नंगे बदन एक दूसरे से लिपटे हुए थे.
सामने घड़ी में 4:50 का समय हो गया था. मैंने कहा- शन्नो उठ, शाम हो गई … साहिल का आने का वक्त हो गया. शन्नो ने पास रखी ब्रा और पैंटी पहन ली और बोली- राज, मेरी मैक्सी तेरे पास है … उसे छुपा लेना. फिर दोनों एक-दूसरे को चूमते हुए बाहर आ गए. मैं नंगा ही ऊपर आ गया, मेरे कपड़े पलंग पर पड़े थे, मैंने पहन लिए और शन्नो की मैक्सी बैग में रख दी.
उसके बाद साहिल आ गया और हम सब नार्मल होकर रात में खाना खाने लगे. मैं अपने रूम में आ गया और सेक्स कहानी पढ़कर सो गया. उसके बाद दोनों दिन में मौका देखकर चुदाई का मज़ा लेने लगे. एक रात मैंने शन्नो को अपने रूम में बुलाया … वो सेक्स कहानी मैं बाद में बताऊंगा.




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